Monday, July 20, 2009

उसके हाथ में तीन इक्के थे

उसके हाथ में तीन इक्के थे
उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया
और जीत की खुशी में इतनी जोर से चीखा
कि उसकी नींद खुल गई
और पाया कि,
वह पड़ा है असहाय और एकांत
हो गया खामोश।
हरा हुआ जुआरी
बार-बार हरने बावजूद
देखता है सपने जीत के
इस तरह हो जाता है, धीरे-धीरे , बेखबर
हकीकत की दुनिया से ।

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