Saturday, August 7, 2010

क्या करे हारा हुआ जुआरी

क्या करे हारा हुआ जुआरी
खासकर तब,
जब कुछ भी न हो पास में
लगाने को दाव पर .....
सबसे अच्छा है-
बुराई करना जुए की
और अन्दर ही अन्दर फड़फडाता हुआ
तडपता और कसमसाता हुआ
कि मिल पाता मौका
एकबार भी दांव लगाने का
लौटा लेता सूद समेत
सहमत करता उस समय को
जो बीता जा रहा है उसके विरुद्ध
हारा हुआ जुआरी
मनोकामना करता है
और वह कर भी क्या सकता है !

1 comment:

sproutsk said...

uncle ji .. naya blogger hun jarur padhen-- sproutsk.blogspot.com