Monday, August 8, 2011

खेल कूद का मौसम आया

खेल कूद का मौसम आया
हंसी ख़ुशी का आलम लाया
खाना पीना भूल गए सब
नया जोश और दमखम आया ||

भागम-भागी , छुपन-छुपाई...
कई खेल खेलें हम, भाई
धूप छाँव सब में हम खेलें
खेल छोड़ कुछ बात न भायी ||

संगी साथी सब मिल आओ
छुट्टी के सब मजे उडाओ
सबसे ऊपर की छत पर जा
रंग बिरंग पतंग उडाओ ||

खेल प्यार का है दरवाजा
खोल हृदय का अन्दर आजा
कोई यहाँ बड़ा न छोटा
सब हैं अपने मन के राजा ||

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