Sunday, December 25, 2011

कई अम्बपालियाँ..

कुछ दिनों पहले तक
वैशाली में केवल एक नगरवधू थी- अम्बपाली
केवल एक व्यक्ति उदास था... अरुण
नगर के सभी लोग आनन्दित थे
नगर में उत्सव का माहौल था
हर शाम सजती थीं रौनकें.....
लेकिन अब,
नगर वैशाली में कई अम्बपालियाँ हैं
कई अरुण उदास हैं
नगर में उत्सवों का बाज़ार बढा है
विज्ञापन कम्पनियाँ.... नगर सेठ, कुलीन और सामन्त
सभी खुश हैं
अम्बपाली की मोनोपोली तो टूटी !
लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं
कि यह सब कुछ
पहली अम्बपाली की लोकप्रियता
और अपने को श्रेष्ठ साबित करने के प्रयासों का ही
नतीजा है.....
[अनभै साँचा; दिल्ली; अप्रैल-जून,2006]

1 comment:

Onkar said...

wah. sundar rachna