सख्त नापसंद हैं मुझे-
कविताओं में
अपने ही प्रयुक्त पदों के
अर्थों के लिए
चिरौरी करने वाले कवि,
जो अपनी असुरक्षाओं में करते हैं नष्ट
कविताओं को ;
और थोडा कुछ अलग करने लायक
बेटी को
दायित्त्व और नैतिकता की सीख देने वाले
माँ-बाप
सख्त नापसंद हैं
मानों इन्हें ऐतराज हो
सम्भावना से।
कविताओं में
अपने ही प्रयुक्त पदों के
अर्थों के लिए
चिरौरी करने वाले कवि,
जो अपनी असुरक्षाओं में करते हैं नष्ट
कविताओं को ;
और थोडा कुछ अलग करने लायक
बेटी को
दायित्त्व और नैतिकता की सीख देने वाले
माँ-बाप
सख्त नापसंद हैं
मानों इन्हें ऐतराज हो
सम्भावना से।
1 comment:
सटीक ...हमें भी नापसंद हैं .
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