Wednesday, January 2, 2013

घाव

कुरेदो
चाहे जितना घाव को
अन्दर से मरहम नहीं निकलेगा
बात सीधी है
घाव के अन्दर का रास्ता
घाव से होकर जाता है
घाव को
और गहराता हुआ

बहुत तडपता है घाव खाया आदमी
या पशु पक्षी
और अधिक तडपता है
कुरेदे जाने पर
तडपता रहता है काफ़ी देर तक
हो सकता है
अच्छा लगता हो तुम्हें
कुरेदा जाना भी, तडपना भी
तडप तडप कर मर जाना भी

कभी किसी को
किसी के तडपने की
घाव कुरेदे जाने की
तडप तडप कर मर जाने की
सुनाओगे कहानी
बडा मज़ा आएगा उसे भी

बडी बडी म्युज़ियम में
कुरेदे गए घाव
तडपते हुए लोग
घाव के कुरेदे जाने से मरे हुए लोग
सदियों सहस्राब्दियों से
रखे गए हैं संजो संजो कर
ताकि देखने वालों को
आने वाली पीढियों को मिले सुकून

भूल पाएँ वे
अपनी बीबियों द्वारा औकात बताया जाना
और भूल पाएँ वे
रीत गई अपनी जवानी पे थूका जाना
कौडी के भाव बिक गए ज़मीर पर
सबसे नज़र बचाके चींखना चिल्लाना

फिर भी
घाव के कुरेदे जाने से
होती है तकलीफ़ ही

1 comment:

Onkar said...

बहुत सुन्दर रचना